विचारों की बेल
-मञ्जूषा हांडा
समँदर सुराही से उडेलता है , या फिर माही में बहता है
यह राज़ ही आस-ए-सुकून , यही घर की राह को घर बनाता है
शमा इबाबत का नूर बिखेरती है , या अंदरूनी स्याहियां समेट्ती है
यह पहेली ही तमन्ना-ए-चैन , यही भक्ति और ज्ञान का भेद हटाती है
आकाश यह चिलमन जैसा है , या चीर के इसे , रूह नूरानी चेहरा दिखाए
यह राज़ ही अरमान-ए-अम्न , यही समंदर को आसमान में घुलाए
बेफ़िक्र हवा ज़हनी खयाल फैलाती है , या नसों में बह विवेक इकठ्ठा करे
यही पहेली अर्जु-ए-चैन , यही राही को राह-बर से मिलाए !
काइनात खुदा का ख्वाब है, या खुदा इंसानी ख़्वाबों में बस्ता है ,
यही राज़ मिटटी की सुगंध , अग्नि की तपिश , जीवों में प्राण ,यही तपस्या है!
अर्थ :
माही - मछली
आस-ए-सुकून - अमन , शान्ति की चाहत
इबादत - भगवान् की पूजा
नूर - प्रकाश
अंदरूनी - भीतरि
स्याहियां - कालापन
अरमान-ए-अम्न - अमन , शान्ति की चाहत
कायिनात - संसार
अर्जु-ए-चैन - - अमन , शान्ति की चाहत
तमन्ना-ए-चैन - - अमन , शान्ति की चाहत
चिलमन - पर्दा
ज़हनी - बौद्धिक
राह-बर - पथप्रदर्शक
तपिश - उत्साह , जोश
-मञ्जूषा हांडा
समँदर सुराही से उडेलता है , या फिर माही में बहता है
यह राज़ ही आस-ए-सुकून , यही घर की राह को घर बनाता है
शमा इबाबत का नूर बिखेरती है , या अंदरूनी स्याहियां समेट्ती है
यह पहेली ही तमन्ना-ए-चैन , यही भक्ति और ज्ञान का भेद हटाती है
आकाश यह चिलमन जैसा है , या चीर के इसे , रूह नूरानी चेहरा दिखाए
यह राज़ ही अरमान-ए-अम्न , यही समंदर को आसमान में घुलाए
बेफ़िक्र हवा ज़हनी खयाल फैलाती है , या नसों में बह विवेक इकठ्ठा करे
यही पहेली अर्जु-ए-चैन , यही राही को राह-बर से मिलाए !
काइनात खुदा का ख्वाब है, या खुदा इंसानी ख़्वाबों में बस्ता है ,
यही राज़ मिटटी की सुगंध , अग्नि की तपिश , जीवों में प्राण ,यही तपस्या है!
अर्थ :
माही - मछली
आस-ए-सुकून - अमन , शान्ति की चाहत
इबादत - भगवान् की पूजा
नूर - प्रकाश
अंदरूनी - भीतरि
स्याहियां - कालापन
अरमान-ए-अम्न - अमन , शान्ति की चाहत
कायिनात - संसार
अर्जु-ए-चैन - - अमन , शान्ति की चाहत
तमन्ना-ए-चैन - - अमन , शान्ति की चाहत
चिलमन - पर्दा
ज़हनी - बौद्धिक
राह-बर - पथप्रदर्शक
तपिश - उत्साह , जोश