खामोश बातें
-मञ्जूषा हांडा
बातें कुछ पल की, ख़त्म हुई पल भर में ,
अब सराहें तुझे ही, पल्कों की गिरती उठती चिलमन से!
बातें पल भर की, गुमगश्ता पन्न्हों की किताब,
दास्ताँ अधूरी, नाकाम तस्वीर का इज़्तिराब !
बातें नामुकाम्मिल , जैसे गुल्दान बगैर गुलाब ,
खुशनुमा रिश्तों की लम्बी बातें भी अधूरा सा जवाब !
बातें हों ऐसी , थम जाए वक़्त भी , और सुनें इन्हें ,
तमन्नाएँ कैसी , लब-ए-ख़ामोशी में भी , दिल के तार बजें !
अब जो बातें अधूरी , तो चलो यही बात हो पूरी ,
आवाज़ बनके , खामोशियों का गुनगुनाना जरूरी !
हौले हौले सुना दे , खामोश आँखों की बोली ,
और उल्फत का हमारी एहतेराम करले , ओ खामोश राही ...
अर्थ :
गुमगश्ता - गायब
इज़्तिराब - व्याकुलता , व्यग्रता
नामुकम्मिल - अपूर्ण
उल्फत - प्यार
एहतेराम- पूजना, इज्ज़त देना
-मञ्जूषा हांडा
बातें कुछ पल की, ख़त्म हुई पल भर में ,
अब सराहें तुझे ही, पल्कों की गिरती उठती चिलमन से!
बातें पल भर की, गुमगश्ता पन्न्हों की किताब,
दास्ताँ अधूरी, नाकाम तस्वीर का इज़्तिराब !
बातें नामुकाम्मिल , जैसे गुल्दान बगैर गुलाब ,
खुशनुमा रिश्तों की लम्बी बातें भी अधूरा सा जवाब !
बातें हों ऐसी , थम जाए वक़्त भी , और सुनें इन्हें ,
तमन्नाएँ कैसी , लब-ए-ख़ामोशी में भी , दिल के तार बजें !
अब जो बातें अधूरी , तो चलो यही बात हो पूरी ,
आवाज़ बनके , खामोशियों का गुनगुनाना जरूरी !
हौले हौले सुना दे , खामोश आँखों की बोली ,
और उल्फत का हमारी एहतेराम करले , ओ खामोश राही ...
अर्थ :
गुमगश्ता - गायब
इज़्तिराब - व्याकुलता , व्यग्रता
नामुकम्मिल - अपूर्ण
उल्फत - प्यार
एहतेराम- पूजना, इज्ज़त देना